चुनाव और प्रतिनिधित्व।Election And Representation - Gk Anywhere Analysis

 

चुनाव_और_प्रतिनिधित्व_Election_And_Representation_Gk_Anywhere_Analysis

चुनाव और प्रतिनिधित्व

Election And Representation -
● चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके द्वारा जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिए व्यक्तियों को चुनते हैं।
● चुनाव के द्वारा ही क्षेत्रीय एवं स्थानीय निकायों के लिए भी व्यक्तियों का चुनाव होता है। वस्तुतः चुनाव का प्रयोग व्यापक स्तर पर होने लगा है।
● भारतीय लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। इसमें त्रिस्तरीय चुनाव होते हैं - लोकसभा, विधानसभा, तथा नगर/ग्राम पंचायत चुनाव। इसके अलावा मंडी जैसे निकायों के भी चुनाव संपूर्ण पारदर्शिता के साथ कराए जाते हैं। इन चुनावों में थोड़े बहुत अपवाद भी हुआ करते हैं।

चुनाव एवं प्रजातंत्र

Elections And Democracy -
● पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था -'प्रजातंत्र में चुनाव राजनीतिक शिक्षा देने का विश्वविद्यालय है।' अब्राहम लिंकन ने प्रजातंत्र का अर्थ -'जनता के हेतु' जनता द्वारा जनता का शासन बताया। इस प्रकार से प्रजातंत्र में लोक-निष्ठा और लोग भावना का समावेश होता है।
● इसमें चुनाव का महत्व सर्वप्रथम और सर्वाधिक है। इससे लोक कल्याण प्रकट होता है। लोकतंत्र अर्थात जनप्रतिनिधि/ प्रजातंत्र एक ऐसा तंत्र है, जिसमें जनकल्याण की भावना से सभी कार्य संपन्न किए जाते हैं।
● जनकल्याण की भावना एक-एक करके इस शासन तंत्र के द्वारा हमारे सामने कार्य रूप में दिखाई पड़ने लगती है।
● प्रजातंत्र का महत्व इस दृष्टि से भी होता है कि प्रजातंत्र में सबकी भावनाओं का सम्मान होता है और सबको अपनी भावनाओं को स्वतंत्र रूप से प्रकट करने का पूरा अवसर मिलता है। इसी प्रकार किसी भी तानाशाही का प्रजातंत्र करारा जवाब देता है।

भारतीय चुनाव

Indian Election -
● भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था ब्रितानी वेस्टमिंस्टर मॉडल पर आधारित है। ब्रिटेन में आम चुनाव के लिए एक ही दिन मतदान होता है, शाम होते-होते एग्जिट पोल आ जाते हैं और रातों-रात मतगणना करके अगली सुबह तक लोगों को चुनाव के नतीजे मिल जाते हैं।
● मगर भारत में ऐसा नहीं होता है। मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए इतने बड़े देश में कई चरणों में मतदान कराए जाते हैं। हर चरण के मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन अर्थात EVM को मतगणना तक सुरक्षित रखा जाता है।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार अब अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के बाद ही एग्जिट पोल प्रसारित हो सकते हैं। उसके भी कुछ दिन बाद मतगणना सुबह से शुरू होती है।

भारतीय चुनाव प्रणाली 

Indian electoral system -
● भारतीय संसद में राष्ट्रप्रमुख (भारत के राष्ट्रपति) और दो सदन शामिल हैं, जो विधानमंडल होते हैं। भारत के राष्ट्रपति का चुनाव 5 वर्ष की अवधि के लिए निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संघ और राज्य के विधानमंडलों के सदस्य शामिल होते हैं।
● भारत की संसद के दोनों सदन हैं। लोकसभा में 545 सदस्य होते हैं, 543 सदस्यों का चयन 5 वर्षों की अवधि के लिए एकल सीट निर्वाचन क्षेत्रों से होता है और 2 सदस्यों को एंग्लो-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है।
राज्यसभा में 245 सदस्य होते हैं, जिनमें से 233 सदस्यों का चयन 6 वर्ष की अवधि के लिए होता है, जिसमें हर 2 वर्ष में एक-तिहाई अवकाश ग्रहण करते हैं। इन सदस्यों का चयन राज्य और केंद्र (संघ) शासित प्रदेशों के विधायकों द्वारा किया जाता है।
निर्वाचित सदस्यों का चयन आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल अन्तरणीय माध्यम से किया जाता है। 12 नामित सदस्यों को आमतौर पर प्रख्यात कलाकारों (अभिनेताओं सहित), वैज्ञानिकों, न्यायविदों, खिलाड़ियों, व्यापारियों, पत्रकारों और आम लोगों में से चुना जाता है।

आनुपातिक प्रतिनिधित्व मत प्रणाली

Proportional Representation Vote System -
● राष्ट्रपति चुनाव में चूँकि सामान्य नागरिक शामिल नहीं होते हैं, इसलिए यहां एक व्यक्ति, एक मत का सूत्र कार्य नहीं करता है। सांसदों और विधायकों के वोट के मूल्य अलग-अलग होते हैं। इन्हीं मूल्यों को वेटेज कहते हैं।
● क्योंकि हर विधानसभा के सदस्य का वोट उस राज्य की जनसंख्या से निर्धारित होता है, लिहाजा हर राज्य के विधायक के वोट वेटेज भी अलग-अलग होते हैं। यही कारण है कि इसे आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के रूप में जाना जाता है। 
आइए जानते हैं आखिर कैसे सांसदों और विधायकों का वोट वेटेज किया जाता है -

सांसदों का वोट वेटेज

Vote weightage of MPs -
सांसदों के वोट वेटेज का फॉर्मूला कुछ इस तरह होता है।
  • राज्यों की विधानसभाओं के चुने गए सदस्यों के वोट वेटेज/लोकसभा के सांसद/राज्यसभा के सांसद।
● इसका परिणाम अगर 0.5 से ज्यादा आता है, तो इसमें एक की संख्या जोड़ दी जाती है और यही किसी एक सांसद का वोट वेटेज होता है।

विधायकों का वोट वेटेज

Vote Weightage of MLAs -
विधायकों के वोट वेटेज का फॉर्मूला कुछ इस तरह होता है।
  • किसी प्रदेश विशेष की कुल जनसंख्या/ विधायकों की कुल संख्या।
● इसका जो परिणाम मिलता है, उसमें फिर 1000 की संख्या से भाग दिया जाता है, जो भी परिणाम सामने आता है, वही उस राज्य विशेष के प्रत्येक विधायक का वोट वेटेज होता है।
● सांसदों के वोट वेटेज की तरह यहां भी एक विशेष परिस्थिति का जिक्र है और वह यह है कि अगर कुल परिणाम 500 से ज्यादा होता है, तो उसमें अतिरिक्त 1 जोड़ दिया जाता है।

परिणाम प्रक्रिया

Result Process -
● विधानसभा या लोकसभा के प्रतिनिधित्व के लिए जिस तरह जनता द्वारा मतदान होता है और मतदान के बाद जिस प्रत्याशी को सर्वाधिक वोट मिलता है, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। मगर, राष्ट्रपति के चुनाव में यह प्रक्रिया नहीं अपनायी जाती।
● इसमें सर्वाधिक वोट हासिल करना कोई शर्त नहीं है, बल्कि सांसदों या विधायकों के कुल वोटों की संख्या के कुल आधे वोट से ज्यादा हासिल करने वाले उम्मीदवार को ही राष्ट्रपति घोषित कर दिया जाता है।

मतदाता सूची

Voter's list -
● मतदाता सूची का प्रकाशन एक महत्वपूर्ण चुनाव पूर्व प्रक्रिया है और यह भारत में चुनाव के संचालन के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
● भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक है और उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है, वह मतदाता सूची में एक मतदाता के रूप में शामिल होने के योग्य है। यह योग्य मतदाता की जिम्मेदारी है कि वे मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराये।
● आमतौर पर, उम्मीदवारों के नामांकन की अंतिम तिथि से एक सप्ताह पहले तक मतदाता पंजीकरण के लिए अनुमति दी गई है।

भारतीय निर्वाचन आयोग

Election Commission of India -
● भारत निर्वाचन आयोग/भारत चुनाव आयोग (Election Commission of India) एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्था है। इसका गठन भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रुप से प्रतिनिधिक संस्थानों में जन प्रतिनिधि चुनने के लिए किया गया था।'भारत चुनाव आयोग (Election Commission of India)' की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गई थी।
● आयोग में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और 2 चुनाव आयुक्त होते हैं। 16 अक्टूबर, 1989 को पहली बार दो अतिरिक्त आयुक्तों की नियुक्ति की गई थी।

निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता के लिए संवैधानिक प्रावधान

Constitutional provision for independence of Election Commission -
● निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है अर्थात इसका निर्माण संविधान ने किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त एक अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति माननीय राष्ट्रपति जी करते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त महाभियोग जैसी प्रक्रिया से ही हटाया जा सकता है।
● मुख्य चुनाव आयुक्त का दर्जा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के सामान्य ही होता है। नियुक्ति के पश्चात मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों की सेवा सशर्तों में कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

निर्वाचन क्षेत्रों का आरक्षण

Reservation of Constituencies -
● लोकसभा की 79 सीटें अनुसूचित जाति तथा 41 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए भारत सरकार ने आरक्षित कर रखी है। संविधान संशोधन के जरिए लोकसभा, विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 2026 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
● आरक्षित संसदीय तथा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का फेरबदल निरंतर होता रहता है। कुछ वर्षों के लिए ही किसी निर्वाचन क्षेत्र को आरक्षित घोषित किया जाता है।

चुनाव संबंधी सुधार

Electoral Reforms -
● क्षेत्र के हिसाब से दुनिया के सातवें बड़े देश और दूसरी सबसे अधिक आबादी वाले देश में चुनाव कराना बेहद जटिल कार्य है। इस प्रक्रिया में लाखों मतदान कार्यकर्ता, पुलिस और सुरक्षा कर्मी शहरों, कस्बों, गांवों और बस्तियों में तैनात होते हैं। पिछले चुनाव में महिलाओं ने कुछ मतदान केंद्रों का प्रबंधन किया था।
● इस बार आयोग की योजना महिला मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए ऐसे पोलिंग बूथ बनाने की थी, जिनका प्रबंधन केवल महिला अधिकारियों के हाथों में था। इन्हें पिंक बूथ नाम दिया गया था।
लोकसभा चुनाव 2019 में 18 से 19 वर्ष के बीच की आयु वाले लगभग डेढ़ करोड़ युवा मतदाता थे, जिन्होंने पहली बार मतदान किया था। यह चुनाव आयोग के सामने बिल्कुल नई चुनौती थी, क्योंकि पुराने मतदाताओं की तुलना में यह वर्ग अधिक शिक्षित और तकनीक से लैस है।

वर्ष 2000 से पहले के सुधार

Reforms before the year 2000 -

 ● मतदान की आयु कम हुई 

Voting age reduced -
संविधान के 61वें संशोधन अधिनियम,1989 के तहत अनुच्छेद-326 का संशोधन करके मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की गई।

● EVM का प्रचलन में आना 

Introduction of EVM -
इस फेज में अब तक के सबसे बड़े चुनाव सुधारों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का प्रचलन में आना शामिल है। इसका लक्ष्य चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष, सटीक और पारदर्शी बनाना है। EVM का पहला व्यापक उपयोग 1998 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के चुनावों के दौरान किया गया था।

अन्य सुधार

Other Improvements -
  • राष्ट्रपति पद के चुनाव लड़ने के लिए प्रस्तावों की संख्या को 50 किया गया।
  • दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाना और उम्मीदवार की मौत पर चुनाव का स्थगित ना होना।

नोटा (NOTA)

None Of The Above -
'उपरोक्त में से कोई भी नहीं ' (None of the Above) मतपत्र विकल्प का विचार वर्ष 1978 में आया जब इस्ला विस्टा नगर सलाहकार परिषद ने संयुक्त राज्य अमेरिका में सांता बारबरा, कैलिफ़ोर्निया में आधिकारिक चुनावी मतपत्र मैं इस विकल्प को बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। वाल्टर विल्सन और मैथ्यू लैण्डी स्टीन, उस समय के परिषद के मंत्रियों ने चुनाव के लिए मतपत्र प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने के लिए एक कानूनी प्रस्ताव प्रस्तुत किया। वर्ष 1978 में, नेवादा राज्य द्वारा मतपत्र में पहली बार ' उपरोक्त में से कोई नहीं (NOTA)' का विकल्प प्रस्तुत किया था।

भारत में नोटा

NOTA in India -
  • भारत में वर्ष 2009 में, भारत के निर्वाचन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी दी की मतदाता को मतपत्र पर 'उपरोक्त में से कोई नहीं (NOTA)' विकल्प प्रदान करें, जिससे मतदाताओं को किसी भी आयोग उम्मीदवार का चयन ना करने की आजादी होगी। सरकार इस तरह के विचार के पक्ष में नहीं थी।
  • 'पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज' जो एक गैर-सरकारी संगठन है, ने नोटा के पक्ष में जनहित बयान दर्ज किया। आखिरकार 27 दिसंबर, 2013 को, चुनाव में 'उपरोक्त में से कोई नहीं (NOTA)' वोट पंजीकृत करने का अधिकार भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लागू किया गया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि सभी वोटिंग मशीनों में नोटा बटन प्रदान किया जाना चाहिए ताकि मतदाताओं को ' उपरोक्त में से कोई नहीं' चुनने का विकल्प मिल सके।

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Important QNA -

Note - नीचे दिए गए QNA में किसी भी प्रश्न के उत्तर के लिए आप उस प्रश्न को touch करके देख सकते हैं।

प्रश्न - चुनाव क्या है?

उत्तर - चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके द्वारा जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनती है।

प्रश्न -'प्रजातंत्र में चुनाव राजनीतिक शिक्षा देने का विश्वविद्यालय है।' यह वाक्य किसका है।

उत्तर -'प्रजातंत्र में चुनाव राजनीतिक शिक्षा देने का विश्वविद्यालय है।' यह वाक्य पं जवाहरलाल नेहरू जी का है।

प्रश्न - राष्ट्रपति जी का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?

उत्तर - भारत के राष्ट्रपति का चुनाव 5 वर्ष की अवधि के लिए निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संघ और राज्य के विधानमंडलों के सदस्य शामिल होते हैं।

प्रश्न - विस्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है?

उत्तर - भारतीय लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है।

प्रश्न - एग्जिट-पोल का प्रसारित किए जा सकते हैं?

उत्तर - चुनाव आयोग के निर्देशानुसार अब अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के बाद ही एग्जिट पोल प्रसारित हो सकते हैं।

प्रश्न - किस सविंधान संसोधन के तहत भारत में वोट डालने की उम्र को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया?

उत्तर - भारतीय संविधान के 61वें संशोधन अधिनियम,1989 के तहत अनुच्छेद-326 का संशोधन करके मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया।

प्रश्न - भारत में सर्वप्रथम EVM(Electronic Voting Machine) का उपयोग कब किया गया?

उत्तर - भारत में EVM का पहला व्यापक उपयोग 1998 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के चुनावों के दौरान किया गया था।

प्रश्न - भरतीय चुनाव में नोटा 'उपयुक्त में से कोई नही 'की शुरुआत कब हुयी?

उत्तर - भारतीय चुनावों में वर्ष 2009 में नोटा 'उपयुक्त में से कोई नही' की शुरुआत हुयी।